Mehfil
Kuch aap sunaiye, kuch hum sunayenge...aur aise hi mehfillien saj jayengi.
Sunday, May 3, 2015
Ishq!
इश्क़ नाम का मोहताज़ नहीं मेरे दोस्त
बस परवाह होती है उस आशिक़ के पहलु में जाने की हमको
Ehsaas!
एहसास महसूस करने भर के लिए तोह देता तू
ऐतबार कम्भख्त ख़त्म होने का नाम ही नहीं लेते
Lamha!
लम्हा है शब्दों में बयान न कर पाओगे
अगर जो उलझे रहे चेहरों की बनावट में
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